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अजित पवार की CM बनने की सुगबुगाहट : NCP का पूरी तरह से समर्थन

CM बनने की सुगबुगाहट के बीच में अजित पवार लगातार अपनी ताकत को बढ़ा रहे हैं और  यह जता रहे हैं कि NCP अब भी पूरी तरह से उनके साथ है और इसी क्रम में शरद पवार को एक और झटका लगा जब नगालैंड के सभी सात एनसीपी विधायकों ने अजित पवार को समर्थन का पत्र भेज दिया है | संगठन के सभी पदाधिकारी भी अजित पवार के साथ बताए जा रहे हैं| शरद पवार के लिए झटका इसलिए है क्योंकि अभी तक नगालैंड के विधायकों का रुख स्पष्ट नहीं हुआ था  | अजित पवार पहले से दावा कर रहे थे कि जब एनसीपी नागालैंड में NDA  के साथ जा सकती है तो फिर महाराष्ट्र में क्या दिक्कत है |

NCP नागालैंड के सभी 7 विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों ने अब अजित पवार को खुद अपना समर्थन औपचारिक तौर पर दे दिया है |  विधायकों ने खुद  समर्थन देने का फैसला किया है |

एनसीपी की नागालैंड इकाई के अध्यक्ष  ने बताया कि नागालैंड में सभी 7 एनसीपी विधायकों ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को समर्थन पत्र भेजा है और  इसे शरद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है  | अजीत पवार गुट के नेता ब्रज मोहन श्रीवास्तव ने कहा नगालैंड इकाई के अध्यक्ष  नई दिल्ली आए और राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महाराष्ट्र इकाई  के अध्यक्ष सुनील तत्कारे से मुलाकात की |

MUMBAI, INDIA MAY 1: Sharad Pawar, 82, made the announcement of his retirement during the release of his autobiography, ‘Lok Majhe Sangati – Political Autobiography’, at Y.B. Chavan Centre, Nariman Point, on May 2, 2023 in Mumbai, India. Sharad Pawar said it was time for a new generation to guide the party and the direction it intends to take. He recommended the formation of a committee, including former Union minister Praful Patel, former Maharashtra deputy chief minister Ajit Pawar, and Member of Parliament Supriya Sule, to decide on the election of his successor. (Photo by Bhushan Koyande/Hindustan Times via Getty Images)

आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में एनसीपी के विधायक और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे  इसके बाद ही शरद पवार की पार्टी दो फाड़ हो गई थी  |यह लड़ाई अब भी  जारी है  | शरद पवार को मनाने के प्रयास अजित पवार की तरफ से किए जा रहे हैं लेकिन एक बड़ी जीत के तौर पर नगालैंड के विधायकों का समर्थन भी माना जा रहा है  |

Shiv Sena Party leader Uddhav Thackeray (R) confers with Nationalist Congress Party (NCP) leader Sharad Pawar during a joint meeting along with leaders of Congress Party in Mumbai on November 26, 2019. – Indian Prime Minister Narendra Modi’s party was forced out of power on November 26 in Maharashtra state, home to the country’s financial capital Mumbai, following the collapse of its short-lived coalition. (Photo by STR / AFP) (Photo by STR/AFP via Getty Images)

दरअसल अजित पवार पार्टी पर अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहते हैं  | लड़ाई ठीक वैसी ही दिखाई पड़ रही है जैसी एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ लड़ी थी  | इससे पहले अजीत पवार की तरह ही पूर्व सीएम ठाकरे की पार्टी से करीब 40 विधायकों ने  बगावत कर दी थी  | इसके बाद उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन किया , मामला चुनाव आयुक्त पहुंचा और चुनाव आयोग ने पार्टी चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे को दे दिया |

वही कोशिश अजीत पवार  की चल रही है  हालांकि शरद पवार पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने जो पार्टी बनाई हो किसी को चुराने नहीं देंगे| इससे पहले 2019 में शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार बनाई थी| इसके बाद पिछले साल एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उनकी सरकार गिर गई थी उसमें भाजपा समर्थित सरकार बनी |अब अजित पवार के सत्ता में शामिल होने के बाद  शिंदे के विधायक  कहीं ना कहीं नाराज है | इसकी वजह है कि एनसीपी के जो विधायक आए हैं उनको तुरंत मंत्री पद दे दिया गया और उनको उनके पसंद के मंत्रालय दे दिए गए हैं और कैबिनेट का कोटा भी पूरा हो चुका है|  एकनाथ शिंदे के साथ आए हुए विधायक  इंतजार कर रहे थे कि क्या उनको कुछ मिलने वाला है | सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को इंतजार है सुप्रीम कोर्ट इन विधायकों की योग्यता – अयोग्यता पर क्या कुछ कहता है ,देखने वाली बात है |

अब ठाकरे गुट इन विधायकों की नाराजगी का फायदा कितना उठाता है, यह भी देखने वाली बात है | अगर इस नाराजगी का फायदा ठाकरे गुट उठा लेता है तो शिंदे की कुर्सी भी संकट में पड़ जाएगी और इसके लिए अजित पवार को भी एकनाथ शिंदे की तरह ही अपनी ताकत का एहसास कराना होगा और शरद पवार को पटकन ही देनी होगी  तभी उनको सीएम पद मिल सकता है |

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