क्यों हुआ संजय सिंह का निलंबन:
20 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र हर दिन हंगामे की भेंट चढ़ा है इसी क्रम में सोमवार को राज्यसभा में कई विपक्षी सांसदों ने मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र के जवाब के दौरान हंगामा किया कार्यवाही के नेता बाधित होते देख सभापती ने Aam Aadmi Party के नेता संजय सिंह को संसद के मानसून सत्र के लिए निलम्बित कर दिया |
पूरे मानसून सत्र के लिए संजय सिंह निलंबित हुए | संजय सिंह के निलंबन के विरोध में कई सांसद धरने पर बैठ गए |इस बीच हमने यह जानना जरूरी समझा कि आम आदमी पार्टी के संजय सिंह का मामला दरअसल है क्या और सांसदों को सस्पेंड कौन कर सकता है, इसके क्या नियम है और निलंबन खत्म कैसे होता है|
राज्यसभा में सोमवार को मणिपुर मुद्दे पर सदन में विपक्ष के विरोध के दौरान आप सांसद संजय सिंह को उनके बुरे व्यवहार के लिए मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया अब जितने दिन भी मानसून सत्र चलेगा वह निलंबित रहेंगे उनको निलंबित करने का प्रस्ताव पियूष गोयल ने रखा जिसे संसद ने स्वीकार कर लिया
इस प्रस्ताव को स्वीकार करके राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संजय सिंह को उनके उनके बुरे व्यवहार के कारण निलंबित कर दिया और संजय सिंह ने कहा कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर बात करने या चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है और मैं इस मुद्दे पर अपना विरोध जारी रखूंगा
सांसदों को सस्पेंड कौन कर सकता है:
दरअसल लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं| इनकी सदन में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है ताकि सदन का संचालन सुचारू रूप से हो सके और यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई उसी तरीके से चलें |अध्यक्ष और सभापति के पास किसी भी सांसद को सदन छोड़ने का आदेश देने का अधिकार होता है |सांसदों के निलंबन के नियम भी निर्धारित किए गए हैं|
नियम 373 कहता है कि अध्यक्ष के पास यह अधिकार है कि यदि कोई सदस्य बुरा व्यवहार करता है तो उसे तुरंत सदन छोड़ने के लिए कहा जाए जिन सदस्यों को जाने का आदेश दिया जाता है उन्हें तुरंत सदन को छोड़ना होता है और बाकी सत्र की शेष अवधि के लिए उसे वापस आना नहीं होता |
एक नियम 374 भी है इसके तहत अध्यक्ष ऐसे सदस्य का नाम ले सकता है जो अध्यक्ष के आदेश की अवहेलना करते हुए अनुचित तरीके से कार्य करते हुए लगातार जानबूझकर सदन की कार्रवाई में बाधा डालता है इसी नियम के अनुसार जिस सदस्य को निलंबित किया गया है उसे बीच सदन को छोड़ना पड़ेगा
इस तरह नियम 255 जो कि राज्यसभा से जुड़ा हुआ है वह यह कहता है कि सदन का पीठासीन अधिकारी राज्यसभा की प्रक्रिया के समान नियमों के 255 के तहत संसद सदस्य का निलंबन लागू कर सकता है|
निलंबन के बाद आखिर क्या होता है:
दरअसल निलंबन के अधिकतम अवधि से 70 के लिए होती है ,जो सदस्य निलंबित हैं वह चेंबर में प्रवेश करने या समिति की बैठकों में भाग नहीं ले सकेंगे और वह चर्चा या प्रस्तुतीकरण के लिए नोटिस नहीं दे सकते |इसके अलावा सदस्य अपने सवालों का जवाब पाने का अधिकार भी खो देता है|
निलंबन खत्म कैसे होता है :
अध्यक्ष को किसी सदस्य को निलंबित करने का अधिकार है लेकिन उसके निलंबन के आदेश को रद्द करने का अधिकार उसके पास नहीं है| इसके लिए सदन को निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव लेकर निर्णय ले सकती है सदन का सदस्य वापसी कर सकता है
कब कब हुए निलंबन:
संजय सिंह ऐसे पहले सासंद नहीं है जिनका निलंबन हुआ है ऐसे बहुत से मामले हैऔर जिसकी चर्चा जमकर हुई | 15 मार्च 1989 को 63 लोकसभा सांसदों को Seven days के लिए निलंबित कर दिया गया था |सांसदों ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की जांच कराने वाले ठक्कर आयोग की रिपोर्ट का जोरदार विरोध किया था जिसके बाद इन सभी को सदन से बाहर किया गया
2010 का मामला 7 राज्यसभा सदस्यों को उस वक्त निलंबित किया गया था जब महिला सुरक्षा विधेयक पर उनके बुरे व्यवहार के लिए उनको सस्पेंड किया गया था
2012 में ऐसा ही एक बार हुआ जब 8 लोकसभा सांसद निलंबित किए गए और यह कार्रवाई काफी अलग तरीके की थी क्योंकि तत्काल यूपीए सरकार ने तेलंगाना के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए अपने ही 8 कांग्रेसी सांसदों को निलंबित किया था सभी आठ संसद तेलंगाना के सांसद थे और अलग राज्य की मांग कर रहे थे
साल 2013 में जब 12 लोकसभा सदस्यों को निलंबित किया गया तत्कालीन अध्यक्ष मीरा कुमार ने लगातार व्यवधान पैदा करने के कारण आंध्र प्रदेश के 12 सदस्यों को सदन से 5 दिनों के लिए निलंबित कर दिया| सदस्य आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के गठन का विरोध कर रहे थे
2014 अगर देखें तो 18 लोकसभा सांसदों को निलंबित किया गया था तब स्पीकर मीरा कुमार ने तेलंगाना मुद्दे पर सदन में हंगामे के बाद आंध्र प्रदेश के 18 सांसदों को 6 सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया था
2015 में ऐसा मौका आया जब 25 लोकसभा सांसदों को निलंबित किया गया | सांसदों द्वारा तख्तियां दिखाकर बाधा डाली गई थी
और 2019 में 45 एआईएडीएमके सांसदों को 2 दिन के लिए निलंबित किया गया था सदस्यों को से शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था
2022 में जुलाई में 23 लोकसभा और चार राज्यसभा सदस्य सदन से निलंबित कर दिए गए| संसद के मानसून सत्र के दौरान किए गए गलत व्यवहार के लिए सदस्यों को सदन से शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था
यानी निलंबन का यह कोई पहला मामला नहीं है लेकिन मणिपुर हिस्सा के बाद से लगातार विपक्ष बहस के लिए तैयार हैं |देश के गृह मंत्री अमित शाह जी यह बात कह चुके हैं कि बहस करें उसका जवाब सरकार की तरफ से दिया जाएगा लेकिन 20 जुलाई से शुरू हुए संसद का सत्र हंगामे की भेंट चढ़ रहा है और इस बीच संजय सिंह के निलंबन के बाद विपक्ष और तेजी से मुकर होता दिखाई दे रहा है| रात भर संसद के परिसर में ही इसका विरोध तमाम विपक्षी दल कर रहे हैं और अभी भी यह लगातार विरोध जारी है