पहलगाम कश्मीर में 22 अप्रैल 2025 को जो आतंकी हमला और कायराना हरकत जो पाकिस्तान ने की है उसे लेकर IND VS PAK में युद्ध हो सकता है | अगर भारत और पाकिस्तान में युद्ध होता है तो कौन जीतेगा ? क्या पाकिस्तान के पास इतना पैसा है कि वह भारत से लंबई लड़ाई लड़ सकता है पाकिस्तान जिस परमाणु बम के दम पर बार-बार धमकियां देता है , क्या वह भारत को वाकई में परेशान कर सकती है ? इस घटना से युद्ध का माहौल बिल्कुल बना है | IND-PAK  में वार  कभी भी हो सकती है| दोनों देश के नेता जो है एक दूसरे खिलाफ खुल कर बोल रहे ह |  जिस तरह से भारत में पहलगाम पर आतंकवादी हमला हुआ उसके बाद झेलम को लेकर एक बड़ा फैसला किया | ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान उसे झेल नहीं पा रहा है| पाकिस्तान खुलकर भारत को धमकियां दे रहा है कि अगर पानी रोका तो उसका युद्ध की तरफ पहला कदम होगा | पाकिस्तान की तरफ से शोर आ रहा है कि पानी बंद किया तो जुबान खींच लेंगे | बिलावल भुट्टो आगे बढ़कर कह रहे हैं कि सिंधु दरिया हमारा है , पानी बंद किया तो कश्मीर के दरिया में खून बहा देंगे |

हालांकि अगर दिल पर हाथ रख तो हिंदुस्तान से लेकर पाकिस्तान और सारी दुनिया को इस सवाल का जवाब पता है कि अगर भारत और पाकिस्तान में युद्ध होता है तो इस युद्ध का नतीजा क्या होगा | फिर भी हम वास्तविकता की जांच कुछ फैक्ट के साथ कर लेते हैं।

1.) अर्थव्यस्था में मुकाबला : सबसे पहले किसी देश की इकोनॉमी ही उसकी मजबूती दिखाती है | उसकी  असलियत की शुरुआत पैसे से होती है और जहां तक पैसे की बात है भारत की ECONOMY  3.5 ट्रिलियन डॉलर है जोकि पाकिस्तान की केवल 376 अरब डॉलर की |अर्थव्यवस्था से ही गुणा भाग का जोड़ समझ में आता है कि भारत पाकिस्तान से 10 गुना मजबूत है | अगर पाकिस्तान भारत से युद्ध लड़ेगा तो कुछ ही हफ्तों में पाकिस्तान टूट जाएगा क्योंकि उसके पास पैसा नहीं है और यह इमोशंस नहीं हैं | यह भारत और पाकिस्तान की इकोनॉमी के आंकड़े बताते हैं | पाकिस्तान  का पूरे देश का बजट भारत के रेलवे के बजट से भी कम है|

2.) जल थल और वायु सेना शक्ति : भारत के पास 14 लाख सक्रिय सैनिक है जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है | जबकि पाकिस्तान के पास केवल 4 लाख सक्रिय सैनिक हैं | भारत का रक्षा बजट जो है वह 80 अरब डॉलर के आसपास है जबकि पाकिस्तान का रक्षा बजट जो है 7 अरब डॉलर है | पाकिस्तान का रक्षा बजट भारत से 10 गुना कम और उसमें भी जो पैसा है वह IMF और  चीन के उधारी और उनके अनुदानों के सहारे है  |शौर्य, ब्रह्मोस और अग्नि भारत की  कई उन्नत मिसाइलें हैं जो कुछ ही सेकंड या मिनट में पाकिस्तान के शहरों जैसे लाहौर, इस्लामाबाद और कराची को निशाना बना सकती हैं. ये मिसाइलें हाइपरसोनिक गति, MIRV तकनीक और सटीकता के कारण पाकिस्तान की रक्षा प्रणालियों के लिए खतरा हैं.
अग्नि 5000 किलोमीटर रेंज की है जबकि उनकी शाहीन तीन 2750 रेंज की है भारत की मिसाइल इतनी तेज हैं , पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त नहीं मिलेगा भारत के पास पाकिस्तान से बेहतर डिफेंस सिस्टम है जो पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस को नाकाम कर देंगे

3.) भारत पाक युद्ध के 1947,65,71,99 परिणाम :

1947 का भारत-पाक युद्ध, जिसे प्रथम कश्मीर युद्ध भी कहा जाता है, अक्टूबर 1948 में शुरू हुआ। पाकिस्तान की सेना के समर्थन के साथ हज़ारों की संख्या में जनजातीय लड़ाकुओं ने कश्मीर में प्रवेश कर राज्य के कुछ हिस्सों पर हमला कर उन पर कब्जा कर लिया, जिसके फलस्वरूप भारत से सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए कश्मीर के महाराजा को इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ अक्सेशन पर हस्ताक्षर करने पड़े |और 1947 में पाकिस्तान को भारतीय सैनिकों ने उल्टे पांव दौड़ाया | 1965 में पाकिस्तान युद्ध छेड़ा उन्हें लगा कि शायद हम कमजोर होंगे |उस वक्त लाहौर की दहलीज पर ले जाकर तिरंगा फहराया था, हवा टाइट कर दी थी पाकिस्तान की | 1971 के भारत पाक युद्ध ,भारत पाकिस्तान के बीच यह तीसरा युद्ध हुआ। इस युद्ध में 94000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया गया औऱ इस युद्ध में पाक कि हार देखते हुए सयुक्त राज्य अमेरिका औऱ कई मित्र देशो को साथ लेकर जिसमें ब्रिटेन, चीन, पाक, फ्रांस मुख्य थे औऱ भी देस भारत की ओर बढ़ चले इसकी सूचना सोवियत संघ रूस को मिली औऱ 1971 में रूस और भारत के एक दूसरे की मदद करने के लिए समझौता हुआ था और रूस बिना कुछ सोचे समझे अपनी पूरी ताकत भारत की मदद के लिये भेज दी| जब पाकिस्तान का साथ अमेरिका दिया करता था और जब देता भी था अमेरिका साथ तब भी कुछ उखाड़ नहीं पाया था पाकिस्तान की लड़ाई में अमेरिका ने पाकिस्तान का साथ दिया था अमेरिका ने भारत को धमकियां दी थी कि भारत पर वह हमला कर देगा लेकिन उसके बावजूद भारत ने सिर्फ पाकिस्तान को हराया 93000 सैनिकों का तो समर्पण करवाया बल्कि पाकिस्तान के दो टुकड़े भी करवाए |और यह 93000 सैनिकों का समर्पण दुनिया का सबसे बड़ा सैनिक समर्पण था| 1999 KARGIL 1999 में भारत पाकिस्तान का चतुर्थ युद्ध हुआ जिसे कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है यह युद्ध कारगिल जगह पर हुआ जिससे इसे कारगिल युद्ध कहते है।संघर्ष के दो महीने बाद, भारतीय सैनिकों ने घुसपैठियों द्वारा अतिक्रमण की गई अधिकांश चोटियों को धीरे-धीरे वापस ले लिया था। आधिकारिक गणना के अनुसार, घुसपैठ किए गए क्षेत्र का अनुमानित 75%-80% और लगभग सभी ऊंची भूमि भारतीय नियंत्रण में वापस आ गई थी। सैन्य संघर्ष में बड़े पैमाने पर वृद्धि के डर से, संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने शेष भारतीय क्षेत्र से सेना वापस लेने के लिए पाकिस्तान पर राजनयिक दबाव बढ़ा दिया|भारत ने हर बार नाकों चने चबवाए हैं

4.) परमाणु शक्ति का मुकाबला: पाकिस्तान  परमाणु की बार-बार धमकियां देता है भारत अब उसे वहां पर भी बेहतर हो गया है पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार है पाकिस्तानी दावा करता था कि हमारे पास ज्यादा है लेकिन मौजूदा दौर में हिंदुस्तान उससे आगे निकल गया है भारत के पास 180 + हथियार है और हथियारों के आगे भारत के पास वह मिसाइल हैं जिनकी क्षमता पाकिस्तान की मिसाइल से कहीं ज्यादा है |परमाणु  ATTACK  करने की मूर्खता करोगे तो यह याद रखना कि भारत का जवाब ऐसा होगा कि Map  पर तुम्हारा अस्तित्व खोजने में इतिहासकारों को मुश्किल हो जाएगी | परमाणु शक्ति बनने के बाद भारत ने  यह कहा था कि भारत की नीति जो फर्स्ट यूज की नहीं है | अटल बिहारी वाजपेई साहब ने कहा था कि हम परमाणु शक्तियों का पहले इस्तेमाल नहीं करेंगे  लेकिन यह बात याद रखना भारत की क्षमता कंप्लीट डिस्ट्रक्शन की यानी जब तबाही हम मचाना शुरू करेंगे तब पूर्ण तबाही मचाएंगे |

 

निष्कर्ष ये है कि भारत के पास वैश्विक समर्थन भी है, आर्थिक मजबूती भी है | परमाणु हथियार के गलत इस्तेमाल का तो जैसा हमने पहले भी कहा इतिहासकारों को पाकिस्तान को नक्शे  पर खोजने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा | हमारा शरीर बेशक खत्म हो जाए, पाकिस्तान को ढूंढ नहीं पाएगा यह गारंटी  है और पिछली लड़ाईयां इसके सबूत है |

अब वह बात नहीं है कि भारत जो खामोश बैठ कर देखता रहेगा अब हम उससे आगे निकल रहे हैं  कि एक गाल पर थप्पड़ खाओ दूसरा आगे कर दो |अब यह है कि गाल पर थप्पड़ मारोगे तो वापस ऐसा मारेंगे कि धड़ाम से पढ़ोगे | इतिहास के पन्ने जब पलटे जाते हैं तो कुछ मुल्क अपनी वीरता से अमर होते और कुछ कायरता से मिट जाते हैं |पाकिस्तान आज  दूसरी श्रेणी में खड़ा है पाकिस्तान जो पराजय और पतन का प्रतीक है| हिंदुस्तान शांति चाहता है लेकिन शांति समाधान के साथ ,सम्मान के साथ| भारत धैर्यवान है लेकिन भारत कायर नहीं है |भारत सहनशील है लेकिन भारत आत्म सम्मान के साथ समझौता नहीं करता |लेकिन गलती से भी पाकिस्तान ने कोई ऐसी हिमाकत करने की कोशिश की तो यकीन मानिए इस बार सियालकोट ही नहीं बचेगा इस्लामाबाद का नाम भी इतिहास से मिट जाएगा जिस तरह पाकिस्तान अपने दहशतगर्तों को भेजकर भारत उकसाता है और एटम बम की धमकी देता है तो इतिहास आपको ऐसे ही याद करेगा कि “एक था पाकिस्तान” और यही इतिहास होगा कि 1947 में बना था 21वीं सदी में खत्म हो गया हम जानते हैं कि पाकिस्तान के मुल्क में हजारों करोड़ों  मासूम लोग हैं लेकिन पाकिस्तान की आर्मी हमारे धैर्य का इम्तिहान लेना बंद कर दे नहीं तो भारत के पास फिर फाइनल सॉल्यूशन भी है |अब भारत और पाकिस्तान की कोई तुलना नहीं है इसलिए बेहतर होगा पाकिस्तान खुद पर ही ध्यान दें

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