आज हमारा देश आजादी की 76वीं वर्षगांठ बना रहा है | आज ही के दिन सन 1947 में हमें अंग्रेजों से आजादी मिली | लेकिन हमारा देश प्राचीन समय से ही हर क्षेत्र में मजबूत रहा है और साल दर साल तरक्की कर रहा है | आज हम बात करेंगे खेलों में भारत के इतिहास की | खेलों में भारत ने पूरे विश्व में अपना लोहा मनवाया है | आजादी से पहले से ही हम खेलों में मजबूती से आगे बढ़ते रहे हैं चाहे वह हॉकी हो, कुश्ती हो, कबड्डी हो, तीरंदाजी हो | हर खेल में बड़ी-बड़ी अचीवमेंट हमने ली है | इस लेख में, हम खेलों के क्षेत्र में भारत के इतिहास की एक झलक प्रस्तुत करेंगे, खासकर 1900 से 1990 तक के महत्वपूर्ण घटनाओं को उजागर करेंगे। भारत की Greatest Sports Achievements
मोहन बागान फुटबॉल क्लब :
सन 1900 के समय की जितनी भी मुख्य प्रतियोगिता जीती हैं उनके बारे में आप काम ही जानते होंगे | मोहन बागान जो भारत का सबसे पुराना फुटबॉल क्लब था उसने सन 1911 में ब्रिटिश आर्मी के एक रेजीमेंट को हराया और भारत को किसी भी खेल टूर्नामेंट में पहली टाइटल जीती अगर मैच की बात करें तो भारत की 11 लोगों की टीम ने अच्छे मार्जिन से उस ब्रिटिश टीम को हराया उसमें भारत के मुख्य खिलाड़ी अभिलाष घोष थे और उनके कोच शैलेंद्र बस थे | 1900 के दशक में, मोहन बागान ने भारतीय फुटबॉल को एक नई पहचान दिलाई । उनके योगदान से भारतीय खेलों की मान्यता में वृद्धि हुई।
हॉकी की शान: 1920-1940 :
अब बात करते हैं हमारे राष्ट्रीय खेल हॉकी के बारे में | हॉकी का नाम सुनते ही आपके दिमाग में भी जरूर मेजर ध्यानचंद का नाम आया होगा | ध्यानचंद के समय का दौर हॉकी का स्वर्णिम दौर था उनके समय में भारत ने हॉकी में लगातार बिना कोई भी मैच हारे 48 मैच जीते थे जिसमें ओलंपिक की लगातार Winning Hat trick भी शामिल है | हॉकी में भारत ने सन 1928 ,1932 और सन 1936 के लगातार तीन ओलंपिक गोल्ड मेडल जीते थे | 1936 के जर्मनी ओलंपिक के बारे में कहा जाता है कि उस समय के जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने ध्यानचंद की हॉकी भी चेक करवाई थी और कहा कि इसमें कुछ लगा ना रखा हो | ऐसा था हमारा हॉकी का स्वर्णिम दौर |
रेसलर खिलाड़ी K. Jadhav :
हम ओलंपिक में गोल्ड जरूर ला रहे थे लेकिन उस समय ओलंपिक में Individual Medal का सूखा पड़ा हुआ था और यह सूखा सन 1952 में महाराष्ट्र के रेसलर खिलाड़ी K. Jadhav ने Helansenki Olympic 1952 में खत्म किया |
Hockey World Cup 1975 :
इसके बाद फिर लगातार Hockey का Downfall होता चला गया और फिर समय आया 1975 का हॉकी वर्ल्ड कप | बर्लिन के ओलंपिक के बाद भारत के राष्ट्रीय खेल का Downfall शुरू हो गया था | हमारी हॉकी टीम कोई खास करिश्मा नहीं दिखा रही थी लेकिन 1975 के हॉकी वर्ल्ड कप ने भारतीय खिलाडिय़ों ने अपना करिश्मा दिखाया और भारत ने अपना और आज तक का पहला और आखरी वर्ल्ड कप जीता | पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम एक Match हारी वह भी अर्जेंटीना से | भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप का होस्ट कर रही मलेशियाई टीम को 3-2 से हराकर फाइनल में जगह बनाई और फाइनल मैच में 2-1 के कड़े मुकाबले में पाकिस्तान को हराकर हॉकी वर्ल्ड कप भारत के नाम किया |
कपिल देव: 1983 का क्रिकेट विजयी
दोस्तों वैसे तो भारतीय टीम लंबे समय से क्रिकेट खेल रही थी लेकिन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों का सपना तब पूरा हुआ जब हरियाणा के हरिकेन कपिल देव ने सन 1983 में क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतियोगिता CRICKET WORLD CUP भारत की झोली में डाला | इस वर्ल्ड कप में भारत ने के कपिल देव के कैप्टनशिप में फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड कप जीता उसमें कपिल देव ने इंग्लैंड के खिलाफ हिस्टोरी के 175 रन बनाए और भारतीय टीम को सेमीफाइनल में भेजा और फाइनल में वेस्टइंडीज को हराया जिसमें मोहिंदर अमरनाथ प्लेयर ऑफ द मैच रहे |
पीटी उषा: भारतीय दौड़ने वाली शतरंज
दोस्तों अगर खेल का नाम हो और पीटी उषा का नाम ना आए तो भारतीय खेल इतिहास अधूरा रहता है | सन 1986 के SEOL Asian Games में भारतीय एथलीट पीटी उषा ने ट्रैक एंड फील्ड में रिकॉर्ड 4 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल जीता था | उन एशियाई खेलों में पीटी उषा ने 2 घंटे से भी कम समय में लगातार तीन Races में दौड़कर मेडल जीते हैं |
इन महान खिलाड़ियों की प्रेरणा से भारतीय खेल अपने महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर आगे बढ़ते रहे हैं। उनके योगदान से हमारा देश विश्व में महान खेल क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहा है।
भारत की सन 1911 से 1990 तक की Greatest Sports Achievements
भारत की सन 1911 से 1990 तक की Greatest Sports Achievements
भारत की सन 1911 से 1990 तक की Greatest Sports Achievements